Monday, April 2, 2007

कोई झामपटाखा खबर है क्या....

पहले पहल खबरों की दुनिया में आया तो तमाम तरह जुमलों से दो चार हुआ। जुमले ऐसे कि सुनकर लगे मानो आलू की टिक्की की चाट में मिर्ची ज्यादा पड़ गयी हों। ये जुमले जब कानों के पर्दों पर पड़ते है तो लगता है कि एक ऐसी मिठाई खा रहे हैं जिसमें खटाई का डोंगा धीरे से गलती से पलट गया और पता भी ना चला। चलिये आपको भी खबरों के संसार के कुछ ऐसे ही जुमलों से अवगत कराते हैं।

कोई झामपटाखा खबर है कि नही जिसे ताना जा सके.......अरे मिल गयी यही तो खबर है जिसे हम खेल सकते हैं....ये खबर तो मस्त है इसे तान देते हैं......

यूं तो खबरों में जीने वाले लोग इन जुमलों से अच्छी तरह से वाकिफ होंगें फिर भी बता दूं उन लोगों के लिये जो इस दुनिया से ताल्लुक नही रखते।
कोई झामपटाखा खबर है....मतलब कोई ऐसी खबर जिसमें सैक्स हो, ग्लैमर हो, क्राइम हो,ठुमके हों, दनदनाती गोलियों की आवाजें हो...या फिर ऐसा कुछ जो लोगों की भावनाओं, उनकी तमन्नाओं सपनों को सीधे सीधे झकझोर देता हो। इनमें से कोई भी एलिमेंट हो खबर में वो झामपटाखा हो जाती है जितने ज्यादा एलिमेंट उतनी झामपटाखा और उसको उतना ही ताना जा सकता है... जैसे नाम से पता लग रहा है खबर तानना मतलब....खबर के सही गलत उल्टे सीधे हर एंगिल से लोगों को वाकिफ करा दो चाहे वो देखना चाहे या फिर नही...हम लोगों को यानि खबरों की दुनिया के लोगों को खेलने का बड़ा शैक होता है। कभी तो लोगों की भावनाओं से खेलते हैं, कभी उनके सपनों से खेलते हैं... कभी......हम उस खबर को चला चला कर लोगों को पागल कर देते हैं कि लोग सोये तो, जागे तो उनको वो खबर ही दिखाई दे। तो ये तो है खेलना खबरों से ...मस्त खबर के बारे में भी आपको बता दें कि किसी गोरी की मस्त काया की तरह इसकी काया भी मस्त होती है यानि फुल ऑफ ग्लैमर एंड सेक्स....तो उम्मीद है कि अब टीवी पर खबर देखते ही आप समझ जायेंगे कि ये खबर झामपटाखा है या नही इसको ताना जा रहा है या नही या फिर कोई खबर कितनी मस्त है......

1 comment:

Anonymous said...

ये झामपटाखा पोस्ट है!

बीता वक्त आज एक बहुत ही लम्बे वक्त के बाद ब्लॉग पर वापसी की है। उम्मीद है कि अब जारी रख पाऊंगा। पता ही नही चला कि ज़िंदगी की जद्दोजहद में वक...