Sunday, January 29, 2017


लम्हा जो गिरा लबों पर तो फूल बन गया
शिकस्ता रहगुजर में तेरी धूल बन गया।

बीता वक्त आज एक बहुत ही लम्बे वक्त के बाद ब्लॉग पर वापसी की है। उम्मीद है कि अब जारी रख पाऊंगा। पता ही नही चला कि ज़िंदगी की जद्दोजहद में वक...