है दर्द मेरे दिल में , लबों पे ये हंसी हैं ,
अंधेरों का सफर है, ना कोई रोशनी है।
वक्त है कि कभी हमसफर ना बन सका
जिंदगी बस यूं ही जिंदगी है,
अंधेरों की तन्हाइयां है कि मै सफर में हूं
गमों की खामोशियां है कि मै सफर में हूं
हद तलक तेरा साथ निबाहुगां जिंदगी
दफ्न की तैयारियां है कि मै सफर में हूं॥
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बीता वक्त आज एक बहुत ही लम्बे वक्त के बाद ब्लॉग पर वापसी की है। उम्मीद है कि अब जारी रख पाऊंगा। पता ही नही चला कि ज़िंदगी की जद्दोजहद में वक...
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एक दिन तो मुकम्मल मोहब्बत करो रफ्ता रफ्ता यूँ ज़िन्दगी गुज़र जायेगी शाम ठहरी है ठहरी रहेगी सनम यूँ पत्थर न मारो बिखर जायगी ...
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2 comments:
सुन्दर रचना है..
अगर है दिल में तो दर्द तो, दर्द की दवा करो
जलते है पांव गर, तो ना आग पर चला करो
धन्यवाद
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